tag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.comments2023-04-10T06:14:01.710-07:00amitraghatAmitraghathttp://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comBlogger320125tag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-23905862739821979562011-10-12T21:12:12.471-07:002011-10-12T21:12:12.471-07:00बहुत सुन्दर, सार्थक रचना , बधाई.
कृपया मेरे ब्ल...बहुत सुन्दर, सार्थक रचना , बधाई.<br /><br /><br /><br />कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-63693909060772015182011-09-01T01:26:58.227-07:002011-09-01T01:26:58.227-07:00nice.......nice.......devendrahttps://www.blogger.com/profile/03638655397357832652noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-58782184371293945842011-08-16T00:34:30.597-07:002011-08-16T00:34:30.597-07:00Superb lines and i love this write up...Superb lines and i love this write up...Domain registration indiahttp://www.register-web-domain.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-20134728482045644822011-08-04T07:43:23.665-07:002011-08-04T07:43:23.665-07:00Aisa hamnasheen har kisee ko naseeb ho!Aisa hamnasheen har kisee ko naseeb ho!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-43839587047210842962011-04-22T22:45:00.256-07:002011-04-22T22:45:00.256-07:00ज़िन्दगी तेरी मैं तफ़सीर करूँ भी कैसे?
पढ़ ही पायी ...ज़िन्दगी तेरी मैं तफ़सीर करूँ भी कैसे?<br />पढ़ ही पायी हूँ कहाँ मै तेरे फरमान बहुत?<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-8570110415276091372011-02-11T11:10:05.508-08:002011-02-11T11:10:05.508-08:00"तन ढापने को होती निवस्त्र " क्या खूब लि..."तन ढापने को होती निवस्त्र " क्या खूब लिखा है , भाई वाह , बहुत मार्मिक <br /><br />www.SocialServiceFromHome.comRavinder Kumarhttp://www.SocialServiceFromHome.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-11485226384498003362011-01-27T03:48:25.263-08:002011-01-27T03:48:25.263-08:00मेरे होने का जिसने मतलब दिया था
मेरा हर ग़म अपना स...मेरे होने का जिसने मतलब दिया था<br />मेरा हर ग़म अपना समझ पिया था <br /><br />सुन्दर रचना <br />बढ़िया लिखा है <br />आभारCreative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-77776913212999131082011-01-15T06:20:57.731-08:002011-01-15T06:20:57.731-08:00ब्लाग जगत की दुनिया में
आपका स्वागत है। आप बहुत
ही...ब्लाग जगत की दुनिया में<br />आपका स्वागत है। आप बहुत<br />ही अच्छा लिख रहे है। इसी तरह लिखते<br />रहिए और अपने ब्लॉग को आसमान<br />की उचाईयों तक पहुंचाईये<br />मेरी यही शुभकामनाएं है आपके साथ<br />‘‘ आदत यही बनानी है ज्यादा से<br />ज्यादा (ब्लागों) लोगों तक<br />ट्प्पिणीया अपनी पहुचानी है।’’ हमारे<br />ब्लॉग पर आपका स्वागत है।<br />हमारे ब्लॉग का पता निम्न है<br />anmolji.blogspot.com<br />हमारे ब्लॉग का उद्देश्य<br />लोगोँ को जानकारी देना तथा लोगोँ के<br />विचारोँ को अन्य लोगोँ तक<br />पहुँचाना है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-33960349314222898562011-01-05T19:59:11.647-08:002011-01-05T19:59:11.647-08:00बहुत अच्छा :कभी समय मिले तो हम्रारे ब्लॉग //shiva1...बहुत अच्छा :कभी समय मिले तो हम्रारे ब्लॉग //shiva12877.blogspot.com पर भी आयें / <br />नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!शिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-23841984473489468632010-11-09T02:42:38.772-08:002010-11-09T02:42:38.772-08:00मेरे होने का जिसने मतलब दिया था !!
ये बहुत बड़ी बा...मेरे होने का जिसने मतलब दिया था !!<br />ये बहुत बड़ी बात है !क्योंकि वही तो अपना है !लिखते रहिये ! हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-36963813594232780712010-10-29T10:04:21.130-07:002010-10-29T10:04:21.130-07:00मेरे होने का जिसने मतलब दिया था
मेरा हर ग़म अपना स...मेरे होने का जिसने मतलब दिया था<br />मेरा हर ग़म अपना समझ पिया था <br /><br />bahut khoob kahaa...........Shaivalika Joshihttps://www.blogger.com/profile/02643334614690992704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-51176580535063218802010-10-05T10:44:09.551-07:002010-10-05T10:44:09.551-07:00अद्भुत है..बहुत गहरे व्यंजनात्मक अर्थों के साथ..मग...अद्भुत है..बहुत गहरे व्यंजनात्मक अर्थों के साथ..मगर आश्वस्तिदायक भी....अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-70075755062221406502010-10-05T04:03:42.070-07:002010-10-05T04:03:42.070-07:00बहुत बढ़िया प्रस्तुति.....बहुत बढ़िया प्रस्तुति.....रोली पाठकhttps://www.blogger.com/profile/13106522735886815930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-23979173249029206452010-10-02T07:12:19.284-07:002010-10-02T07:12:19.284-07:00chalo intzaar khatam hua :)chalo intzaar khatam hua :)अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-25040947737624754502010-09-24T07:12:03.208-07:002010-09-24T07:12:03.208-07:00achchha nahi kiya nahi marna chahiye thaa pattharachchha nahi kiya nahi marna chahiye thaa pattharBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-773838330669491652010-09-12T06:55:35.615-07:002010-09-12T06:55:35.615-07:00बेहतरीन हैबेहतरीन हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-82629147610693032522010-09-04T03:42:59.953-07:002010-09-04T03:42:59.953-07:00बहुत दिन से इधर नहीं आया
ख़ास कुछ भी ख़बर नहीं लाया
...बहुत दिन से इधर नहीं आया<br />ख़ास कुछ भी ख़बर नहीं लाया<br /><br />नए की चाह में आया था मगर<br />नया कुछ भी नज़र नहीं आयाHimanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-82695580137644722082010-08-12T01:05:31.859-07:002010-08-12T01:05:31.859-07:00बेशक बहुत ही सुन्दर कविता.बेशक बहुत ही सुन्दर कविता.Amit kr Guptahttp://www.amitkrguptasamajikaurrajnitikmudde.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-42088749755030819392010-08-11T10:34:01.585-07:002010-08-11T10:34:01.585-07:00वाह ! ! मजेदार ।वाह ! ! मजेदार ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-204389667967842412010-08-04T02:18:35.215-07:002010-08-04T02:18:35.215-07:00सुंदर रचना है !सुंदर रचना है !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-63297567365473854982010-07-26T10:23:52.932-07:002010-07-26T10:23:52.932-07:00भीतर तक छूती है यह रचना आपकी, भाई.भीतर तक छूती है यह रचना आपकी, भाई.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-90707222391216629222010-07-26T05:04:09.946-07:002010-07-26T05:04:09.946-07:00Part 2
जहाँ एक तरफ अपनी कुछ कविताओं में आप अनंत ...<b><i>Part 2</i></b><br />जहाँ एक तरफ अपनी कुछ कविताओं में आप अनंत दुःख में से एक छोटा सा सुख ढूँढने कि जद्दोजहत (जो प्रभावित करता है) करते हुए लगते हैं. (जैसे सूना जीवन जैसी मनोवैज्ञानिक कविता हो या नन्हा कल्ला में प्राण देकर नया जीवन बचा लेने कि चाह ) तो दूसरी ओर कुछ कविताओं में पलायन ('शलाम शाब' में नेपाल वापिस लौट जाना).<br />वैसे 'शलाम शाब' के पलायन को जमीन से जुड़े रहने कि जिजीविषा के साथ जोड़ के देखा जाये तो पलायन सकारात्मक है (दाग अच्छे हैं कि तर्ज़ पर ;) ).<br /> <br />कविता 'मुर्गा' मेरे बहुत वर्षों पहले लिए गए शाकाहारी हो जाने के निर्णय को बल देती है ऐसा तो नहीं कहूँगा, ये भी नहीं कि आत्ममुग्ध करती है. परन्तु इस विषय पर कविता पढ़ कर अच्छा लगता है कि कोई 'लाइक-वाइज़' सोचता है. <br /> <br />हम्माल, सेल्समेन जैसे कवितायेँ 'रोबोटिक' होते समाज में से एहसासों की खोज है. जहाँ हम व्यक्ति और साधन में अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते. (अ व्हाइट टाइगर पढ़ी है आपने? या दत्तात्रेय का दुःख?) <br />अलग अलग कविताओं के कुछ वाक्य प्रभावित करते हैं और या तो अपने में एक गहरा अर्थ रखते हैं या कविता को नया आयाम देत हैं.<br />आखरी बार कब हंसा था? (सेल्स मेन)<br />वे मौत के फ़रिश्ते हैं (अब्बा)<br />बदचलन होगी (कुंता)<br />माँ के बारे में कभी लिखते हैं बड़े भाई? (माँ के बारे में )<br /> <br />जब आप लिखते हैं कि मुझमें संवेदना कूट कूट कर भरी है तो आप अपनी कविताओं के माध्यम से उसे सिद्ध भी करते हैं. इसीलिए आपका ब्लॉग पढने के बाद कह सकता हूँ कि आपकी सबसे अच्छी पकड़ सामाजिक विषयों/ कुरीतियों पर है इसलिए हेलमेट का अंत अतिशयोक्तिपूर्ण होते हुए भी बुरा नहीं लगता, भाई बहिन के सम्बन्ध (अच्छे-बुरे) कई जगह दिखाए हैं आपने (हेलमेट, रेट किलर और भाई बहिन) ,<br />कविता पाठ के लिए किया गया अपहरण (मेरी माँ के लिए) अनुराग कश्यप की एक लाइन याद दिला गया:<br /><b>"जिस कवी की कल्पना में ज़िन्दगी हो प्रेम गीत उस कवी को आज तुम नकार दो."</b>दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-57773399304887946322010-07-26T05:02:35.645-07:002010-07-26T05:02:35.645-07:00Part 1'नन्हा कल्ला' पढ़ी तो बहुत पहले देखी ...<b><i>Part 1</i></b>'नन्हा कल्ला' पढ़ी तो बहुत पहले देखी मूवी बागबान याद हो आई. वैसे क्षणिक प्रयोग के नाम पर अगर कविता का शीर्षक 'नन्हा कल' कह दूं तो बात दार्शनिक लगने लगती है. और अर्थ-प्रक्षेपण भी हो ही जाता है. ;). 'नन्हा कल्ला' कविता में एक गेयता सी भी दिखती है जो शायद शब्द-चयन और शब्द-विन्यास के कारण है. कुछ ऐसा ही 'मेरी बहिन' को पढ़ते वक्त लगता है. <br />जहाँ 'नन्हा कल्ला' , 'वैश्विक गिरोह' , 'सुन्दरतम सजनी' और 'मनोभिलाषा' जैसी कविता आपके हिंदी के तद्भव 'वोकेब' को, 'शुरुआत' जैसी कविता विज्ञान/अंग्रेजी और 'महंत' एवं 'सलाम शाब' जैसी कविता आंचलिक (लुप्त होते) शब्दकोष को प्रदर्शित करती है वहीँ 'बार गर्ल' और कुछ अन्य कवितायेँ आपके रोज़मर्रा में प्रयोग होने वाले हिंदी के सामान्य शब्दों के शब्दकोष का कोलाज है. <br />हाँ पर मुझे 'अब्बा' और क्षणिका 'काफ़िर' को पढ़ के लगता है कि कहीं उर्दू के शब्दों के साथ आप न्याय नहीं कर पाए.ऐसा लगा कि आपके ज़ेहन में ये शब्द थे और और आपको ये इतने पसंद थे कि आप इनका कहीं प्रयोग करना चाहते थे.<br />'महंत' में प्रयोग होने वाले कुछ शब्द/शब्द विन्यास (ह्ह्ह..., आक...थू, च च्च आदि) प्रथम दृष्टया मैला आँचल की याद दिलाते हैं. <br />नाटक/एकांकी/स्क्रिप्ट विधा पे आधारित कविता 'बार गर्ल' वास्तव में अपने अपने आप में शाब्दिक कोलाज है .कोई परदे के पीछे का सत्य. हिडन-ट्रूथ, ओपन- सीक्रेट.<br />बार गर्ल्स चाहे अब बीते समय की बात हो पर कमोबेश यही स्थिति हर क्षेत्र में काम करने वाली औरतों की है, होटल में और कॉल सेण्टर में काम करके निजी एक्सपीरिएंस बाँट रहा हूँ. <br />एक आउट ऑव दी कांटेक्स्ट बात शेयर करना चाहता हूँ, पुरुष अगर स्त्री का एक भी गुण सीख जाये तो देव पुरुष बन जाता है किन्तु स्त्री यदि पुरुष जैसा एक भी व्यव्हार करने लग जाये तो अछूत कन्या. (आपकी कविता 'कुंता' में शायद कुछ हद तक यही बात कही गयी है) <br /> <br />आपके द्वारा रची लगभग सभी कविताएँ बेहतरीन हैं, और हाँ मेरे दिल के जो सबसे नजदीक है वो 'रेट किलर...'. है<br />इसमें प्रयुक्त कमाल के बिम्ब, कविता के अर्थ को और गहरे से प्रक्षेपित करते हैं. 'ऑनर-किलिंग' जैसे सामायिक विषय को मुख्य विषय लेते हुए बाकी छोटे छोटे मुद्दों (जाती, न्याय एवं सामाजिक व्यवस्थाओं) पर भी कविता सटीक एवं प्रभावी सटायर है. कहानी(क्षमा करें इसे कहानी कहने के लिए) का पटाक्षेप होंट करता है. और न केवल काफ़ी देर तक ज़ेहन से जुड़ा रहता है अपितु 'माउथ पब्लिसिटी' के लिए प्रेरित भी करता है. <br /> <br />दोस्त कितनी अजीब बात है न (किसी ने सोचा है कभी ?) विकास को नापने का एक मात्र सूत्र - अर्थ. <br />और ऐसे समय में 'महंत' कविता रुपये की महत्ता को ही दर्शाती है और सामायिक लगती है. एक और व्यंजना देखें तो ऐसा लगता है कि महंत-व्यवस्था कहीं परदे के पीछे से अब भी जारी है. जैसे राज-व्यवस्था (अपवाद कुछ ही हैं : अटल बिहारी, मनमोहन सिंह और लाल बहादुर शास्त्री) <br /> <b><i>...TBC</i></b>दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-8196268647035341652010-07-26T01:58:42.127-07:002010-07-26T01:58:42.127-07:00बहुत बड़ी बात लिख दी आपने. सेल्स मैन के प्रति कभी ...बहुत बड़ी बात लिख दी आपने. सेल्स मैन के प्रति कभी ऐसी संवेदना का विचार नहीं आया. कई बार तो उनको बिना सुने ही लौटा दिया...!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1362582131561451864.post-61002116530986979912010-07-23T02:55:47.101-07:002010-07-23T02:55:47.101-07:00very nice...keep it up :)very nice...keep it up :)Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.com